Categories
India औरंगाबाद बिहार

एनटीपीसी नबीनगर ने देश में बनाई अपनी अलग पहचान, जल्द शुरू होंगे तीन नए प्रोजेक्ट

द साइलेंस मीडिया, औरंगाबाद, बिहार।

देखें पूरी वीडियो

  जिले के गौरव के रूप में पहचान बना रहे एनटीपीसी एक नई उपलब्धि की ओर अग्रसर है। जिले में स्थापित नबीनगर सुपर थर्मल पावर स्टेशन (एनएसटीपीएस) को जल्द ही देश की बिजली उत्पादन में नई पहचान मिलने वाली है। यह परियोजना न केवल बिहार बल्कि पूरे देश के लिए एक गौरवपूर्ण उपलब्धि होगी। एनटीपीसी लिमिटेड की इस इकाई में स्टेज-2 के तहत 800-800 मेगावाट की तीन ताप विद्युत उत्पादन इकाइयों की स्थापना की योजना है, जिसके बाद कुल उत्पादन क्षमता 1980 मेगावाट से बढ़कर 4380 मेगावाट हो जाएगी। यह न केवल बिहार का पहला मेगा सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट होगा, बल्कि पूरे देश के पावर प्लांटों में से एक प्रमुख पावर प्लांट के रूप में उभरेगा।


निविदा प्रक्रिया अंतिम चरण में, जल्द शुरू होगा काम


एनएसटीपीएस के मुख्य महाप्रबंधक और परियोजना प्रमुख चंदन कुमार सामंता ने जानकारी दी कि स्टेज-2 के निर्माण के लिए निविदा (टेंडर) प्रक्रिया अब अंतिम चरण में है। ग्लोबल टेंडर जारी किया जा चुका है और टेंडर फाइनल होते ही काम को तेजी से शुरू किया जाएगा। इस परियोजना के पूरा होते ही एनएसटीपीएस की कुल उत्पादन क्षमता 4380 मेगावाट हो जाएगी, जिससे यह न केवल बिहार बल्कि पूरे देश में बिजली उत्पादन के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक पावर प्रोजेक्ट बन जाएगा।


परियोजना की प्रमुख विशेषताएं


वर्तमान उत्पादन: स्टेज-1 में स्थापित 660 मेगावाट की तीन इकाइयों से कुल 1980 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है।
स्टेज-2 की योजना: स्टेज-2 के तहत 800-800 मेगावाट की तीन नई इकाइयां स्थापित की जाएंगी, जिससे कुल उत्पादन क्षमता बढ़कर 4380 मेगावाट हो जाएगी।
प्रदूषण नियंत्रण: पावर प्लांट को पूरी तरह से प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए फ्लू गैस डिसल्फराइजेशन (एफजीडी) संयंत्र की स्थापना का काम चल रहा है, जिसे दिसंबर 2026 तक पूरा कर लिया जाएगा। एफजीडी संयंत्र की स्थापना के बाद यह प्लांट पूरी तरह से प्रदूषण मुक्त हो जाएगा।

उत्कृष्ट विद्युत उत्पादन प्रदर्शन
सामंता ने बताया कि एनएसटीपीएस ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में 14,411 मिलियन यूनिट (एमयू) बिजली का रिकॉर्ड उत्पादन किया है। साथ ही इस दौरान प्लांट का प्लांट लोड फैक्टर (पीएलएफ) 82.86% रहा, जो परियोजना की संचालन क्षमता और उत्कृष्टता को दर्शाता है। यह प्लांट कोयला खदान के पास होने के कारण सस्ता बिजली उत्पादन कर रहा है, जिससे बिहार को काफी लाभ हो रहा है। एनएसटीपीएस की सस्ती बिजली का सबसे अधिक हिस्सा बिहार को मिल रहा है, जिससे राज्य को अन्य जगह से बिजली खरीदने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

ग्रामीण विकास में एनटीपीसी का योगदान
एनटीपीसी नबीनगर अपने नैगमिक सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) के तहत आसपास के 40 से अधिक गांवों में विकास कार्यों को आगे बढ़ा रहा है। शिक्षा, स्वास्थ्य, आधारभूत सुविधाओं और स्किल डेवलपमेंट के क्षेत्रों में एनटीपीसी द्वारा किए गए प्रयासों से ग्रामीण इलाकों में सकारात्मक बदलाव देखने को मिल रहा है। सामंता ने कहा कि एनटीपीसी इन गांवों को अपने परिवार की तरह देखता है और ग्रामीण विकास में अपना सक्रिय योगदान दे रहा है।

नबीनगर: देश की बिजली राजधानी बनने की ओर
नबीनगर को बिजली उत्पादन के क्षेत्र में देश की बिजली राजधानी कहा जा रहा है, क्योंकि यहां पर दो बड़े पावर प्लांट स्थापित हैं। एनएसटीपीएस के अलावा, भारतीय रेल बिजली कंपनी लिमिटेड (BRBCL) की 1000 मेगावाट क्षमता वाली ताप विद्युत परियोजना भी यहां स्थित है। इसके अलावा 22 मेगावाट क्षमता वाली सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना की भी योजना बनाई गई है। इन परियोजनाओं के पूरा होने के बाद नबीनगर की कुल उत्पादन क्षमता 5402 मेगावाट हो जाएगी, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है।

नबीनगर से हो रहा 2980 मेगावाट बिजली उत्पादन
वर्तमान में नबीनगर से कुल 2980 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है। एनएसटीपीएस की तीन इकाइयों से 1980 मेगावाट और बीआरबीसीएल की इकाई से 1000 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है। आने वाले समय में स्टेज-2 की इकाइयों के साथ-साथ सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना के बाद, नबीनगर की बिजली उत्पादन क्षमता 5402 मेगावाट तक पहुंच जाएगी।

प्रेसवार्ता के दौरान एनटीपीसी नबीनगर के महाप्रबंधक (ओ एंड एम) केडी यादव, महाप्रबंधक (ऑपरेशन) एके त्रिपाठी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे। सभी ने परियोजना की प्रगति और भविष्य की योजनाओं पर विस्तार से चर्चा की।

औरंगाबाद से राजेश रंजन की रिपोर्ट