औरंगाबाद, बिहार।
जिले के नबीनगर में एनटीपीसी द्वारा लगातार बिजली उत्पादन में अव्वल रहने के बाद अब फिर से नए प्रोजेक्ट पर काम शुरू होने जा रहा है। एनटीपीसी का उपक्रम बीआरबीसीएल द्वारा सौर ऊर्जा संयंत्र लगाकर बिजली का उत्पादन किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट से 22 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा। इस प्रोजेक्ट के लिए जमीन का चयन कर लिया गया है, जल्दी ही इस पर काम शुरू होगा।
यहां भारतीय रेल एवं एनटीपीसी लिमिटेड के संयुक्त उपक्रम भारतीय रेल बिजली कंपनी लिमिटेड द्वारा पहले से ही 1000 मेगावाट ताप विद्युत उत्पादन किया जा रहा है।
बीआबीसीएल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी बीजेसी शास्त्री ने सोमवार को परियोजना सभागार में मीडिया संवाद में कहा कि बीआरबीसीएल ने पावर प्लांट परिसर में 100 करोड़ की लागत से 22 मेगावाट बिजली उत्पादन क्षमता वाली सौर उर्जा विद्युत उत्पादन संयंत्र स्थापित करने की योजना बनाई है। योजना के तहत फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार किया जा रहा है। इस परियोजना को शुरु करने के लिए भूमि अधिग्रहण करने की जरूरत नही है बल्कि इसके लिए बीआरबीसीएल परिसर में ही पर्याप्त मात्रा में भूमि उपलब्ध है।बीआरबीसीएल परिसर में स्थापित होने वाला सौर विद्युत उत्पादन संयंत्र औरंगाबाद जिले का पहला सोलर पावर प्लांट होगा।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने बताया कि नबीनगर स्थित प्लांट बीआरबीसीएल का देश का इकलौता ताप विद्युत संयंत्र है। इस संयंत्र के अलावा देश में कही भी बीआरबीसीएल का पावर प्लांट नही है और फिलहाल देश के किसी अन्य हिस्से में पावर प्लांट स्थापित करने की बीआरबीसीएल की कोई योजना प्रस्तावित नही है।
प्रदूषण को शून्य स्तर पर लाने के लिए लगाया जा रहा अत्याधुनिक प्रदूषण नियंत्रण संयंत्र
उन्होने कहा कि बीआरबीसीएल की थर्मल पावर परियोजना को पूरी तरह प्रदूषण से मुक्त रखने के लिए अत्याधुनिक प्रदूषण नियंत्रण संयंत्र स्थापित किया जा रहा है। इस संयंत्र की स्थापना करीब 700 करोड़ की लागत से की जा रही है। संयंत्र में फ्लू गैस डिसल्फराइजेशन और जीरो लिक्विड डिस्चार्ज जैसी तकनीक का कार्य प्रगति पर है। कहा कि प्रदूषण नियंत्रण संयंत्र की स्थापना का काम दिसंबर 2026 तक पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद यह परियोजना 99 प्रतिशत से अधिक प्रदूषण मुक्त हो जाएगी। वैसे वर्तमान में इस अत्याधुनिक बिजली संयंत्र में प्रदूषण की बिल्कुल कम गुंजाइश है।
बीआरबीसीएल बिहार को कर रही है 100 मेगावाट बिजली की आपूर्ति
मुख्य कार्यकारी अधिकारी बीजेसी शास्त्री ने बताया कि भारतीय रेल बिजली कंपनी की नबीनगर परियोजना की कुल विद्युत उत्पादन क्षमता 1000 मेगावाट है जिसकी 90 प्रतिशत उत्पादित बिजली भारतीय रेलवे को दी जा रही है जबकि 10 प्रतिशत यानी 100 मेगावाट बिजली बिहार को दी जा रही है।
उन्होंने बताया कि भारतीय रेल की कुल विद्युत आवश्यकता का 25 प्रतिशत बिजली की पूर्ति भारतीय रेल बिजली कंपनी की नबीनगर प्रोजेक्ट से हो रही है। देखा जाए तो देश की 25 प्रतिशत ट्रेनें औरंगाबाद में बनी बिजली से चल रही हैं। साथ ही बीआरबीसीएल द्वारा 22 मेगावाट का सौर विद्युत उत्पादन संयंत्र की स्थापना का संयंत्र स्थापित किए जाने से बिहार को आपूर्त्ति की जाने वाली बिजली में 2.2 और भारतीय रेल को आपूर्ति की जाने वाली बिजली में 20 मेगावाट से अधिक की बढ़ोतरी होगी।
वित्तीय वर्ष 2023-24 में बीआबीसीएल को हुआ 576 करोड़ का शुद्ध मुनाफा
मुख्य कार्यकारी अधिकारी बीजेसी शास्त्री ने बताया कि पिछले वित्तीय वर्ष2023-24 के दौरान बीआरबीसीएल की परियोजना को 576 करोड़ रुपए का शुद्ध मुनाफा हुआ, जिसमें एनटीपीसी की हिस्सेदारी 74 प्रतिशत और भारतीय रेलवे की हिस्सेदारी 26 प्रतिशत रही। ज्ञात हो कि बीआरबीसीएल की नबीनगर परियोजना में ढाई-ढाई सौ मेगावाट ताप विद्युत उत्पादन क्षमता की कुल चार ईकाइयां स्थापित हैं और इसका निर्माण 8000 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से कराया गया है।
बिजली उत्पादन का हब बन गया है औरंगाबाद
बिहार के औरंगाबाद का नबीनगर बिजली उत्पादन का हब बन गया है। औरंगाबाद जिले के नबीनगर में दो बड़े पावर प्लांट स्थापित हैं और दोनों प्लांटों से कुल मिलाकर अभी 2980 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है। इतनी बड़ी मात्रा में बिजली का उत्पादन देश के किसी भी एक जिले के विद्युत उत्पादन संयंत्रों से नही हो रहा है। इन परियोजनाओं में पहला भारतीय रेल और एनटीपीसी लिमिटेड के संयुक्त भारतीय रेल बिजली कंपनी लिमिटेड की 1000 मेगावाट बिजली उत्पादन क्षमता वाली ताप विद्युत परियोजना है। वहीं अब फिर 22 मेगावाट बिजली उत्पादन क्षमता वाले सौर विद्युत उत्पादन संयंत्र की स्थापना की जानी है।
वहीं दूसरी नबीनगर में ही स्थापित एनटीपीसी की 1980 मेगावाट बिजली उत्पादन क्षमता वाली ताप विद्युत परियोजना है। साथ ही इस परियोजना के फेज-2 में 800-800 मेगावाट ताप विद्युत उत्पादन क्षमता वाली तीन नई ईकाइयों की स्थापना पर काम चल रहा है। इस लिहाज से वर्तमान में नबीनगर से अकेले 2980 मेगावाट बिजली उत्पादन हो रहा है जबकि एनटीपीसी नबीनगर में तीन नई ईकाईयों और बीआरबीसीएल में 22 मेगावाट क्षमता वाले सौर विद्युत उत्पादन संयंत्र की स्थापना होने से नबीनगर की कुल विद्युत उत्पादन क्षमता 5402 मेगावाट हो, जाएगी जो अपने आप में एक रिकॉर्ड होगा। इसी वजह से नबीनगर को देश में बिजली उत्पादन के हब के रूप में जाना जाता है।
बालिका सशक्तिकरण और पर्यावरण के लिए बीआरबीसीएल को मिला राष्ट्रीय सम्मान
बीआरबीसीएल नेगम सामाजिक दायित्व के अंतर्गत कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं को लागू कर रहा है। निगम के संचालक दिव्या बत्रा ने बताया कि इस वर्ष की प्रमुख पहल में से एक बालिका सशक्तिकरण अभियान का सफल आयोजन रहा। जिसमें परियोजना प्रभावित गांव की 40 लड़कियों को चार सप्ताह की आवासीय कार्यशाला में सशक्त बनाया गया। इस प्रयास के लिए बीआरबीसीएल को ग्रीनटेक सीएसआर इंडिया अवार्ड से सम्मानित किया गया।
इसके अलावा हरित क्षेत्र बनाने को लेकर क्षेत्र में लगभग डेढ़ लाख से अधिक पौधे लगाए गए हैं। इस कार्य के लिए भी ग्रीनटेक एनवायरमेंट अवॉर्ड से उन्हें विजेता घोषित किया गया है।
मीडिया संवाद में बीआरबीसीएल के महाप्रबंधक परियोजना संदीप दास, अपर महाप्रबंधक मानव संसाधन अनिरुद्ध सिंह, मुख्य वित्त अधिकारी विजयश्री रंगनाथन तथा नैगम संचार कार्यपालक दिव्या बत्रा भी मौजूद रहे।