दाउदनगर, औरंगाबाद। हिन्द एक्सप्रेस न्यूज़।
वयोवृद्ध समाजवादी नेता और बिहार सरकार के पूर्व मंत्री रामबिलास सिंह यादव की प्रतिमा औरंगाबाद दानी बिगहा बस स्टैंड से हटाने के खिलाफ यादव महासभा ने दाउदनगर में एक बैठक की। यह बैठक यादव महासभा के अध्यक्ष नागेंद्र सिंह यादव के आवास पर पूर्व मुखिया रामदेव सिंह की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। बैठक में ओबरा विधानसभा के पूर्व प्रत्याशी सुजीत कुमार उर्फ चुन्नू यादव, जिला परिषद सदस्य अनिल यादव, राजद नेता डॉ रमेश यादव, हंसौली पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि वीरेंद्र यादव, घटराईन पंचायत के मुखिया संजय यादव, राजद बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष संजय यादव, राजद नेता अजय यादव, शिक्षक नेता बसंत कुमार सिंह, शिक्षक अंबुज कुमार, शिक्षक उदय यादव, शिक्षक जितेंद्र यादव, शिक्षक विनय सिंह, शिक्षक संतोष कुमार यादव आदि ने मुख्य रूप से अपनी बात रखी।
बैठक में सर्वसम्मति से यह तय हुआ कि पूर्व मंत्री रामविलास सिंह यादव की मूर्ति औरंगाबाद के दानी बीघा के व्यावसायिक परिसर में लगाई गई थी, जिसे संवेदक कुंदन माथुर द्वारा हटवाकर नगर थाने में जमा कर दी गई है। उस मूर्ति को एक सप्ताह के अंदर पुनः स्थापित करने के लिए जिला परिषद अध्यक्ष के माध्यम से अग्रतार करवाई किया जाए। उक्त मुद्दे को लेकर कांग्रेस नेता रामप्रवेश सिंह और शिक्षक उदय सिंह दोनों जिला परिषद अध्यक्ष प्रतिनिधि शैलेश यादव से दो दिनों के भीतर मिलाकर स्थिति स्पष्ट करने को कहेंगे। सर्व समिति से निर्णय लिया गया है कि दो दिनों में अगर मूर्ति नहीं लगाई जाती है तो अनुमंडल से लेकर जिला मुख्यालय तक चरणबद्ध आंदोलन किया जाएगा।
बैठक में जिला परिषद सदस्य अनिल यादव ने बताया कि उन्होंने साल 2017 से ही दानी बीघा बस स्टैंड में रामविलास बाबू की मूर्ति लगाने का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन अभी तक उसे बाधित करने का ही प्रयास किया जा रहा है।
उन्होंने जिला परिषद प्रतिनिधि शैलेश यादव और राजा यादव से भी कई बार कहा लेकिन यह लोग हमेशा से टालमटोल करते रहे। किसी तरह इनसे प्रस्ताव पारित कराया गया फिर भी ये मूर्ति लगाने में कोई सहयोग नहीं कर रहे थे। किसी तरह जब यह मूर्ति लगा दी गई तब शैलेश यादव और डीडीसी ने ठेकेदार पर दबाव बनवाकर मूर्ति को हटवा दिया। इस सम्बंध में अनिल यादव ने बताया कि ठेकेदार कुंदन माथुर से जब पूछताछ की गई तो उसने स्वीकार किया कि वह शैलेश यादव के कहने पर मूर्ति को वहां से हटवाया है। क्योंकि शैलेश यादव ने कहा था कि मूर्ति हटाओ नहीं तो तुम्हारे ऊपर ही केस दर्ज होगा।
बैठक के दौरान यादव महासभा के अध्यक्ष नागेंद्र सिंह ने कहा कि समाज को कमजोर करने की कोशिश से बचना चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा यह भी कहा कि रामबिलास बाबू पिछड़े समाज के धरोहर हैं। उनकी मूर्ति हर हाल में यथास्थान लगनी चाहिए।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए पूर्व मुखिया रामदेव सिंह ने बताया कि स्वर्गीय रामविलास बाबू न सिर्फ दाउदनगर के लिए बल्कि बिहार के लिए धरोहर हैं। उन्हीं का देन है कि दाउदनगर आज अनुमंडल बना है। इसलिए उनका निराधार समाज कभी बर्दाश्त नहीं करेगा।
इस सम्बंध में हंसौली पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि वीरेंद्र यादव ने कहा कि यहां नेतृत्व की लड़ाई नहीं है, कोई नेतृत्व करे सिर्फ मूर्ति लगनी चाहिए।
घटराईन पंचायत के मुखिया संजय यादव ने कहा कि जिला मुख्यालय पर कोई भी मूर्ति आधिकारिक रूप से अनुमति लेकर नहीं लगाई गई है। अगर रामविलास बाबू की मूर्ति नहीं लगेगी तो वह अन्य मूर्तियों को भी हटवाने का प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि समाजवाद के प्रणेता रामविलास बाबू सदा आदरणीय रहेंगे।
राजद नेता डॉ रमेश यादव ने कहा कि जिस रामविलास बाबू के बिना बिहार में सरकार की कल्पना नहीं की जा सकती थी। उस रामविलास बाबू का मूर्ति आज थाना में गिरफ्तार होकर रखा गया है। यह सब जिला परिषद अध्यक्ष प्रतिनिधि शैलेश यादव के इशारे पर किया गया है। शैलेश यादव ने ऐसा करके समाज का अपमान किया है समाज सब देख रहा है।इस दौरान मुख्य रूप से अखिल भारतीय महासभा के अध्यक्ष संजीत यादव, सुरेश यादव, लालू कुमार यादव, बैजनाथ सिंह यादव, अभिषेक कुमार, संजय यादव, सतेंद्र सिंह समेत अन्य सदस्य उपस्थित थे। सभी ने एक राय होकर प्रस्ताव को पारित किया है।